Vinod Kumar : Hrishikesh, 26 April, 2025. काश्मीर घूमकर एक लाख रु खर्च करके आतंकवादियों के हाथों मरने से अच्छा है, कि देवभूमि उत्तराखंड घूमो —
गंगा जी हैं!
यमुना जी हैं!
बद्रीनाथ हैं!
केदारनाथ हैं!
रुद्रनाथ हैं!
तुंगनाथ हैं!
मध्यमहेश्वर हैं!
जागेश्वर हैं!
प्रति जागेश्वर हैं!
श्रीगुरू माणिकनाथ धाम हैं!
मुनिस्यारी है!
पाताल भुवनेश्वर हैं!
आदि कैलाश हैं!
हर की पैडी हैं!
हिमकुंड साहिब हैं!
कार्तिकेय स्वामी हैं!
दयारा बुग्याल है!
सिद्धबली हैं!
चंद्रबदनी हैं!
सुककुंडा है!
झूला देवी है!
नैनीताल – भीमताल – टिहरी झील है!
धारी देवी है!
बागनाथ हैं!
सेम मुखेम हैं!
परियों का पर्वत है!
बूढ़ा केदार है!
काली मठ है!
बाणासुर का किला है!
पूर्णागिरी धाम है।
दीवा देवी हैं!
भरसार है!
बिनसर महादेव हैं!
शक्तिपीठ मां मानिला देवी हैं।.
हर की दून है!
केदार कांठा है!
महासू देवता हैं!
डांडा नागराजा है!
भुवनेश्वरी देवी है!
चंडी देवी मनसा देवी है!
पंवाली का कांठा और फूलों की घाटी है।
कमरे भी ८००- रु तक में उपलब्ध हो जाते हैं, धर्मशालाएं ४००- रु में उपलब्ध हो जाती है!
उत्तराखंड घूमें और देवभूमि में अपनेपन का अनुभव करें।
यहां भोजन भी काश्मीर से सस्ता मिलेगा और वहां के जेहादियों की तरह आपको कोई ठगेगा भी नहीं।