GRS News India : कोलकाता – 10 मई 2025. कई लोग लंबे समय से चल रहे कूल्हे के दर्द, जकड़न और चलने-फिरने में परेशानी से जूझते हैं। ऐसे में चलना, झुकना या यहां तक कि बैठना भी मुश्किल और थकाऊ हो जाता है। इस तरह की दिक्कतें आमतौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटॉइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोनेक्रोसिस या कूल्हे के जोड़ में ट्यूमर जैसी बीमारियों की वजह से होती हैं। ये समस्याएं रोज़मर्रा की ज़िंदगी को काफी प्रभावित करती हैं।
इन समस्याओं के समाधान के लिए डॉक्टर आमतौर पर टोटल हिप रिप्लेसमेंट की सलाह देते हैं, जिसमें दवाओं की मदद से रिकवरी की जाती है। लेकिन पारंपरिक सर्जरी में बड़े मांसपेशियों को काटना पड़ता है, जिससे रिकवरी में ज्यादा समय लगता है, दर्द अधिक होता है और जोड़ के फिर से खिसकने का खतरा रहता है।
अब नई तकनीक से उम्मीद की किरण मिली है – डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच (DAA)। यह एक आधुनिक और मांसपेशियों को नुकसान न पहुंचाने वाली हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की विधि है। इस तकनीक में कूल्हे की सर्जरी शरीर के आगे के हिस्से से की जाती है और मांसपेशियों को नहीं काटा जाता।
डायरेक्ट एंटीरियर अप्रोच (DAA) के लाभ:
• मांसपेशियों को कोई नुकसान नहीं
• जल्दी रिकवरी और जल्दी चलने-फिरने की क्षमता
• कम दर्द – क्योंकि शरीर के ऊतकों में कम छेड़छाड़ होती है
• कम खतरा – जोड़ ज्यादा स्थिर रहता है
• छोटा और कम दिखने वाला चीरा
• बेहतर इम्प्लांट पोजिशनिंग – इमेजिंग के ज़रिये
अब हिप रिप्लेसमेंट सिर्फ एक सर्जरी नहीं – यह है ज़िंदगी में तेज़ और सुरक्षित वापसी का तरीका।
डॉ. मदन मोहन रेड्डी
एमएस (ऑर्थो), एमडी, एफआरसीएस
सीनियर कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक एवं
रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जन,
अपोलो हॉस्पिटल्स, ग्रीम्स लेन, चेन्नई